आज छत्तीसगढ़ में तिल का मंडी भाव - 29 नवंबर 2025
नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज छत्तीसगढ़ राज्य में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप छत्तीसगढ़ की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।
आज छत्तीसगढ़ में तिल का मंडी भाव - :updated_at
| कमोडिटी | ज़िला | मंडी | तिल भाव | अप्डेट |
|---|---|---|---|---|
| तिल | Raipur | (Raipur) | 8200 से 8600 ₹क्विंटल | 29 Nov 2025 |
| तिल | Raigarh | (Gharghoda) | 5000 से 5000 ₹क्विंटल | 28 Nov 2025 |
| तिल | Raipur | (Raipur) | 8550 से 8850 ₹क्विंटल | 31 Oct 2025 |
| तिल | Raipur | (Raipur) | 8000 से 8250 ₹क्विंटल | 30 Jun 2025 |
| तिल | Sukma | (Doranpal) | 6000 से 6500 ₹क्विंटल | 30 May 2025 |
| तिल | Raipur | (Raipur) | 9900 से 10200 ₹क्विंटल | 30 Apr 2025 |
| तिल | बलरामपुर (छत्तीसगढ़) | रामानुजगंज (Ramanujganj) | 9267 से 9267 ₹क्विंटल | 29 Apr 2025 |
| तिल | Rajnandgaon | (Rajnandgaon) | 6299 से 6299 ₹क्विंटल | 29 Apr 2025 |
| तिल | Sukma | (Sukma) | 6000 से 6000 ₹क्विंटल | 31 Mar 2025 |
| तिल | बीजापुर(छत्तीसगढ़) | (Bhopalpattnam) | 5000 से 5000 ₹क्विंटल | 31 Mar 2025 |
| तिल | Sukma | (Kukanar) | 6000 से 6000 ₹क्विंटल | 23 Mar 2025 |
| तिल | Sukma | (Konta) | 6600 से 6600 ₹क्विंटल | 23 Mar 2025 |
| तिल | बीजापुर(छत्तीसगढ़) | (Bijapur) | 5000 से 5000 ₹क्विंटल | 19 Mar 2025 |
| तिल | बीजापुर(छत्तीसगढ़) | (Bharamgarh) | 5000 से 5000 ₹क्विंटल | 13 Mar 2025 |
| तिल | Raipur | (Raipur) | 10000 से 10250 ₹क्विंटल | 28 Feb 2025 |
| तिल | Surguja | (Ambikapur) | 8640 से 8640 ₹क्विंटल | 28 Feb 2025 |
| तिल | Bastar | (Jagdalpur) | 8150 से 8250 ₹क्विंटल | 8 Feb 2025 |
| तिल | Raipur | (Raipur) | 10400 से 10800 ₹क्विंटल | 31 Dec 2024 |
| तिल | Rajnandgaon | (Rajnandgaon) | 10500 से 10500 ₹क्विंटल | 30 Nov 2024 |
| तिल | Raigarh | (Gharghoda) | 6200 से 6200 ₹क्विंटल | 27 Nov 2024 |
Notes*
- सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
- भाव में परिवर्तन हो सकता है।
- ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं
तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने वाले तत्व विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।
भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।
तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।
मंडी में सेब, केला,सरसों, गेहूँ, जौ आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप मंडी में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।