आज ओड़िशा में तिल का मंडी भाव - 20 मई 2016



नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज ओड़िशा राज्य में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप ओड़िशा की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।

ओड़िशा के ज़िला अनुसार तिल का मंडी भाव


Sesame भाव

आज ओड़िशा में तिल का मंडी भाव - :updated_at

कमोडिटी ज़िला मंडी तिल भाव अप्डेट
तिल Cuttack (Kendupatna) 500 से 500 ₹क्विंटल 20 May 2016
तिल Rayagada (Gunupur) 6000 से 6500 ₹क्विंटल 24 Jul 2014
तिल Rayagada (Rayagada) 5000 से 5500 ₹क्विंटल 20 Sep 2013
तिल Gajapati पारलाखेमूंदी (Paralakhemundi) 3500 से 3800 ₹क्विंटल 25 Mar 2013
तिल Kandhamal टिकाबाली (Tikabali) 3300 से 3500 ₹क्विंटल 16 Mar 2013
तिल Malkangiri मालकानगिरि (Malkangiri) 42000 से 42500 ₹क्विंटल 20 Feb 2013
तिल Jajpur (Jajpur) 4150 से 4190 ₹क्विंटल 28 Aug 2012
तिल Bargarh (Padampur (Odisha)) 5400 से 5500 ₹क्विंटल 21 Jul 2010
तिल Rayagada (Rayagada) 3000 से 3100 ₹क्विंटल 14 Mar 2010
तिल Malkangiri मालकानगिरि (Malkangiri) 3580 से 3850 ₹क्विंटल 20 Feb 2010
तिल Malkangiri (Malkangiri(Korakunda)) 3540 से 4120 ₹क्विंटल 30 Jan 2009
तिल Gajapati पारलाखेमूंदी (Paralakhemundi) 1800 से 3900 ₹क्विंटल 19 Sep 2008
तिल Rayagada (Gunupur) 3000 से 3100 ₹क्विंटल 8 Jan 2007
तिल Kalahandi (Kesinga) 1000 से 1100 ₹क्विंटल 8 Apr 2006
तिल Malkangiri मालकानगिरि (Malkangiri) 1700 से 1800 ₹क्विंटल 5 Aug 2005
तिल Kandhamal कंधमाल (Kandhamal) 325 से 325 ₹क्विंटल 6 Jul 2005
तिल Rayagada (Rayagada) 1350 से 1450 ₹क्विंटल 5 Feb 2004
तिल Bargarh (Padampur (Odisha)) 2000 से 2200 ₹क्विंटल 22 Nov 2003
तिल Bargarh (Padampur (Odisha)) 2000 से 2200 ₹क्विंटल 4 Aug 2003
तिल Bargarh (Padampur (Odisha)) 2000 से 2200 ₹क्विंटल 19 Jul 2003

Notes*

  • सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
  • भाव में परिवर्तन हो सकता है।
  • ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं

तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने  वाले तत्व  विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।

भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।

तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।

मंडी में सेब, केला,सरसों, गेहूँ, जौ आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप मंडी में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।