आज पोंडीचेरी में तिल मंडी भाव - Til Bhav In Puducherry
नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज पोंडीचेरी राज्य में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप पोंडीचेरी की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।
पोंडीचेरी में तिल मंडी भाव का सारांश
कमोडिटी | तिल |
औसत मंडी भाव | ₹9,454 / क्विंटल |
न्यूनतम मंडी भाव | ₹9,454 / क्विंटल ( Thattanchavady ) |
उच्चतम मंडी भाव | ₹9,454 / क्विंटल ( Thattanchavady ) |
ताज़ा जानकारी के अनुसार, पोंडीचेरी की मंडियो में
तिल का औसतन भाव
₹9,454 /क्विंटल हैं।
पिछले एक सप्ताह में सबसे कम भाव
Thattanchavady
मंडी में ₹9,454 /क्विंटल
रहा, जबकि सबसे अधिक भाव
Thattanchavady
मंडी में ₹9,454 /क्विंटल
रहा। मंडी भाव इंडिया पर पोंडीचेरी की 3
मंडियो के
तिल के भाव दिए गये है।
ये डाटा आख़िरी बार
20 Nov 2024 को अपडेट किया
गया है।
आज पोंडीचेरी में तिल मंडी भाव - Til Bhav In Puducherry
कमोडिटी | ज़िला | मंडी | तिल भाव | अप्डेट |
---|---|---|---|---|
तिल | Pondicherry | (Thattanchavady) | 9454 से 9454 ₹/क्विंटल | 20 Nov 2024 |
तिल | Pondicherry | (Madagadipet) | 4481 से 4481 ₹/क्विंटल | 20 Sep 2024 |
तिल | Karaikal | (Karaikal) | 10000 से 10000 ₹/क्विंटल | 23 Mar 2020 |
Notes*
- All Rates are Shown as quintal(100 Kg)
- Rates subject to change
- These rates are may or may not correct, consider these rates only to know position of market
- सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
- भाव में परिवर्तन हो सकता है।
- ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं
तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने वाले तत्व विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।
भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।
तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।
मंडी में सेब, केला,सरसों, गेहूँ, जौ आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप मंडी में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।