सरसों मंडी भाव – सरसों में पहले तेजी फिर गिरावट

चौथे कार्यदिवस में सरसों एवं इसके तेल की तेजी जारी रही, साथ ही खल के दाम भी तेज हुए। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 125 रुपये तेज होकर 6,650 रुपये प्रति क्रिंटल हो गए। हालांकि शाम को भरतपुर मंडी में सरसों भाव 121 रु, जयपुर में 100 रु और सलोनी के भाव 100 रु तक डाउन हो गए ।
इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 2 लाख बोरियों की हुई। जानकारों के अनुसार विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के दाम अभी तेज ही बने रहने की उम्मीद है, हालांकि अवकाश होने के कारण मलेशिया में पाम तेल वायदा कारोबार बंद रहा, जबकि शिकागो में सोया तेल के दिसंबर वायदा अनुबंध में दाम 0.49 फीसदी तेज हुए। चीन में भी दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में सोया तेल के भाव में बढ़त दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार अनुसार घरेलू बाजार में खपत का सीजन होने के कारण सरसों तेल में ग्राहकी ठीक है, जिस कारण तेल मिलों की मांग बराबर बनी हुई है।
अधिकांश ब्रांडेड कंपनियों ने आज सरसों की खरीद कीमतों में 75 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। घरेलू बाजार में सरसों कीमतों में पिछले चार कार्यदिवस से तेजी बनी हुई है, तथा बढ़े दाम पर शाम के सत्र में मिलों की खरीद कम हुई, जिससे आज दाम रुक सकते हैं ।
रबी सीजन में सरसों की बुआई तो आरंभ हो गई है, लेकिन हाल ही में उत्पादक राज्यों पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ ही हरियाणा में हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया है, जबकि सरसों की बुआई का यह उपयुक्त समय है। जानकारों के अनुसार हाल ही में जिन क्षेत्रों में भारी बारिश हुई है, वहां सरसों की बुआई में देरी होगी। साथ ही माना जा रहा है कि इससे किसान सरसों के बजाए अन्य फसलों की बुआई करेंगे।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को 50-50 रुपये तेज होकर भाव क्रमशः 1365 रुपये और 1355 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर पहुंच गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 2475 रुपये प्रति क्लिंटल हो गई।
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को बढ़कर 2 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि शनिवार को इसकी आवक 1.75 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आककों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 85 हजार बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 15 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 15 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 45 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 40 हजार बोरियों की आवक हुई।