गाजीपुर की हरी मिर्च विदेशों में चमक रही है, लंदन और खाड़ी देशों में उद्यमियों का एक्सपोर्ट बढ़ा

गाजीपुर से दुनिया भर में मशहूर हरी मिर्च की खेती आज श्रीलंका और लंदन में अपनाई जा रही है। गाजीपुर के किसानों द्वारा उत्पादित इंडु किस्म की मिर्च की विदेशों में बढ़ती मांग से उत्साहित होकर, किसानों ने 18,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में मिर्च की खेती शुरू की है। भावरकोल इलाके में रबी और खरीफ के सीजन में हरी मिर्च की खेती व्यापक रूप से की जाती है। इससे प्रेरित होकर दूसरे किसान भी अब मिर्च की खेती करने लगे हैं।
अब नहीं सिर्फ गाजीपुर, बल्कि वाराणसी में भी किसानों द्वारा हरी मिर्च की खेती ज्यादा क्षेत्रफल में होने लगी है। चंदौली में सब्जी की खेती के प्रति ज्यादा रुझान है।
खेती में हरी मिर्च से कम समय और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।
भावरकोल, गाजीपुर में सबसे अधिक मिर्च की खेती हो रही है। वाराणसी मंडल के उद्यान विभाग के उपनिदेशक जयकरण सिंह ने बताया है कि गाजीपुर में इंडु मिर्च की खेती सबसे ज्यादा क्षेत्रफल पर हो रही है। इस मिर्च का निर्यात दुबई, श्रीलंका और ब्रिटेन में तेजी से बढ़ रहा है। काशी अनमोल मिर्च 60 दिनों में ही तैयार हो जाती है, जबकि इंडु मिर्च 90 दिनों में बिक्री के लिए तैयार हो जाती है। इन दोनों जातियों से प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल तक मिर्च की उत्पादनता हो रही है। मिर्च की एक पौधे से 4 बार फसल होती है।
हरी मिर्च की मांग विदेशों में बढ़ रही है
खाड़ी देशों में हरी मिर्च की मांग सबसे ज्यादा है। दुबई, श्रीलंका और ब्रिटेन में खासतौर से गाजीपुर की इंदु और काशी अनमोल मिर्च पसंद की जाती है। पिछले 5 सालों में हरी मिर्च का सबसे अधिक निर्यात हुआ है। 2017 से 2022 तक, हरी मिर्च और सब्जियों का कुल 4762 क्विंटल से भी अधिक का निर्यात हो चुका है। बढ़ते निर्यात से किसानों की किस्मत चमक रही है, और अब पूर्वांचल के किसानों को सब्जी और हरी मिर्च के निर्यात से ज्यादा मुनाफा होने लगा है।