गेहू में बड़ी तेजी के आसार और सरसों में सीमित उतार चड़ाव 

गेहूं की कीमतों में लगातार तेजी का माहौल बना हुआ है। दिल्ली लारेंस रोड पर गेहूं के भाव 8885 रु पए का स्तर छू चुके हैं। पिछले दिनों आटा मिलों की एसोसिएशन ने कें द्र सरकार से मांग की थी किकम से कम 40 लाख टन गेहूं सरकारी भंडार से खुले बाजार में बिक्री किया जाए। ताकि गेहूं के साथ साथ आटा आदि की कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके , लेकिन सरकार ने इस विषय पर कोई निर्णय नहीं लिया है।

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हालांकि सरकारी प्रवक्ता बार-बार दावा करते रहे हैं कि सरकारी भंडारण में गेहूं का बफर स्टॉक उपलब्ध है, लेकिन सरकार जब कोई निर्णय नहीं ले रही है तो इस प्रकार के दावों पर संदेह पैदा हो रहा है। देशभर की मंडियों में गेहूं के दाम लगभग रोजाना बढ़ रहे हैं । दस दिन के अंदर 100 रु पए प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। यदि बाजार इसी र"तार से चलता रहा तो जल्द ही दिल्ली लारेंस रोड का भाव 3 हजरा रुपए प्रति क्विंटल तक छू सकता है। यदि इस स्तर तक भाव जाता है तो स्टॉकिस्ट अपना स्टॉकखाली करने की कोशिश करेंगे, जिससे भाव पर हल्का दबाव आ सकता है। अच्छे भाव पर यहां स्टॉकखाली करना ही उचित व्यापार है।

सरसों : सीमित उतार चड़ाव 

बढ़े दाम पर तेल मिलों मांग कमजोर होने से घरेलू बाजार में बुधवार को सरसों के दाम कमजोर हो गए। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये घटकर 6,975 रुपये प्रति क्विटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 3.25 लाख बोरियों के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।

घरेलू बाजार में तेल मिलों की मांग कमजोर होने से सरसों की कीमतों मे गिरावट तो आई है, लेकिन मलेशिया में पाम तेल के दाम तेज हो गए, साथ ही शिकागों में इनके सोया तेल की कीमतें बढ़ी हैं। ऐसे में घरेलू बाजार में सरसों एवं इसके तेल की कीमतों में फिर सुधार आने की उमीद है।