आज असम में तिल का मंडी भाव - 24 अक्टूबर 2019



नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज असम राज्य में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप असम की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।

असम के ज़िला अनुसार तिल का मंडी भाव


Sesame भाव

आज असम में तिल का मंडी भाव - :updated_at

कमोडिटी ज़िला मंडी तिल भाव अप्डेट
तिल Nagaon (Dhing) 6000 से 7500 ₹क्विंटल 24 Oct 2019
तिल Darrang (Kharupetia) 10250 से 10350 ₹क्विंटल 13 Feb 2019
तिल Darrang (Kharupetia) 10000 से 10250 ₹क्विंटल 9 Jan 2019
तिल Barpeta (Bohorihat) 6000 से 7000 ₹क्विंटल 12 Jan 2018
तिल Kokrajhar (Srirampur) 4000 से 4500 ₹क्विंटल 5 Sep 2017
तिल Barpeta (Howly) 4000 से 4200 ₹क्विंटल 19 Jan 2017
तिल Kokrajhar (Srirampur) 5000 से 5250 ₹क्विंटल 11 Feb 2015
तिल Nagaon (Dhing) 5000 से 6000 ₹क्विंटल 3 Jan 2015
तिल Darrang (Kharupetia) 7500 से 7700 ₹क्विंटल 17 Feb 2014
तिल Karimganj (Karimganj) 2000 से 3000 ₹क्विंटल 19 Dec 2012
तिल गोवालपारा (Goalpara) 5200 से 5706 ₹क्विंटल 22 Nov 2008
तिल Nagaon (Dhing) 1500 से 3700 ₹क्विंटल 25 Mar 2008
तिल Barpeta (Howly) 1500 से 1600 ₹क्विंटल 21 Jan 2008
तिल Cachar (Cachar) 3000 से 4000 ₹क्विंटल 10 Aug 2006
तिल Cachar (Cachar) 1500 से 1800 ₹क्विंटल 21 Mar 2006
तिल Barpeta (Bohorihat) 2200 से 2400 ₹क्विंटल 18 Jan 2006
तिल Cachar (Cachar) 1500 से 1600 ₹क्विंटल 20 May 2005
तिल Cachar (Cachar) 1600 से 1900 ₹क्विंटल 16 Aug 2003

Notes*

  • सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
  • भाव में परिवर्तन हो सकता है।
  • ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं

तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने  वाले तत्व  विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।

भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।

तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।

मंडी में सेब, केला,सरसों, गेहूँ, जौ आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप मंडी में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।