Gwalior जिले में तिल मंडी भाव - Til Bhav In Gwalior District



नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज मध्य प्रदेश राज्य के Gwalior जिले में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप मध्य प्रदेश की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।

Gwalior में तिल मंडी भाव का सारांश

कमोडिटी Sesamum(Sesame,Gingelly,Til) तिल
औसत मंडी भाव ₹12,458 / क्विंटल
न्यूनतम मंडी भाव ₹12,000 / क्विंटल ( लश्कर )
उच्चतम मंडी भाव ₹12,915 / क्विंटल ( लश्कर )
* यह सारांश Gwalior की 5 मंडियो के पिछले एक सप्ताह के भाव से लिया गया है।

ताज़ा जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश राज्य के Gwalior जिले की मंडियो में तिल का औसतन भाव ₹12,458 /क्विंटल हैं। पिछले एक सप्ताह में सबसे कम भाव लश्कर मंडी में ₹12,000 /क्विंटल रहा, जबकि सबसे अधिक भाव लश्कर मंडी में ₹12,915 /क्विंटल रहा। मंडी भाव इंडिया पर मध्य प्रदेश राज्य के Gwalior जिले की 5 मंडियो के तिल के भाव दिए गये है।
ये डाटा आख़िरी बार 16 Nov 2024 को अपडेट किया गया है।

til भाव

आज Gwalior जिले में तिल मंडी भाव - Til Bhav In Gwalior District

कमोडिटी ज़िला मंडी तिल भाव अप्डेट
तिल Gwalior लश्कर (Lashkar) 12000 से 12500 ₹/क्विंटल 16 Nov 2024
तिल Gwalior लश्कर (Lashkar) 12915 से 12915 ₹/क्विंटल 2 Nov 2024
तिल Gwalior लश्कर (Lashkar) 8450 से 8500 ₹/क्विंटल 12 Aug 2024
तिल Gwalior डबरा (Dabra) 14000 से 14200 ₹/क्विंटल 5 Dec 2023
तिल Gwalior लश्कर (Lashkar) 13000 से 13950 ₹/क्विंटल 14 Oct 2023

Notes*

  • सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
  • भाव में परिवर्तन हो सकता है।
  • ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं

तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने  वाले तत्व  विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।

भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।

तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।

मंडी में सेब, केला,सरसों, गेहूँ, जौ आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप मंडी में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।