Shajapur जिले में तिल मंडी भाव - Til Bhav In Shajapur District



नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज मध्य प्रदेश राज्य के Shajapur जिले में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप मध्य प्रदेश की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।

Shajapur में तिल मंडी भाव का सारांश

कमोडिटी Sesamum(Sesame,Gingelly,Til) तिल
औसत मंडी भाव ₹10,800 / क्विंटल
न्यूनतम मंडी भाव ₹10,800 / क्विंटल ( आगर )
उच्चतम मंडी भाव ₹10,800 / क्विंटल ( आगर )
* यह सारांश Shajapur की 4 मंडियो के पिछले एक सप्ताह के भाव से लिया गया है।

ताज़ा जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश राज्य के Shajapur जिले की मंडियो में तिल का औसतन भाव ₹10,800 /क्विंटल हैं। पिछले एक सप्ताह में सबसे कम भाव आगर मंडी में ₹10,800 /क्विंटल रहा, जबकि सबसे अधिक भाव आगर मंडी में ₹10,800 /क्विंटल रहा। मंडी भाव इंडिया पर मध्य प्रदेश राज्य के Shajapur जिले की 4 मंडियो के तिल के भाव दिए गये है।
ये डाटा आख़िरी बार 25 Oct 2024 को अपडेट किया गया है।

til भाव

आज Shajapur जिले में तिल मंडी भाव - Til Bhav In Shajapur District

कमोडिटी ज़िला मंडी तिल भाव अप्डेट
तिल Shajapur आगर (Agar) 10800 से 10800 ₹/क्विंटल 25 Oct 2024
तिल Shajapur (Sajapur) 11400 से 11400 ₹/क्विंटल 12 Jul 2024
तिल Shajapur आगर (Agar) 10600 से 10600 ₹/क्विंटल 1 Jul 2024
तिल Shajapur शुजलपुर (Shujalpur) 10001 से 10001 ₹/क्विंटल 4 Jun 2024

Notes*

  • सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
  • भाव में परिवर्तन हो सकता है।
  • ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं

तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने  वाले तत्व  विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।

भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।

तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।

मंडी में सेब, केला,सरसों, गेहूँ, जौ आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप मंडी में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।