आज जयपुर जिले में तिल का मंडी भाव - सभी मंडियां
नमस्कार दोस्तों, मंडी भाव इंडिया में आपका स्वागत है। इस पेज पर आपको आज राजस्थान राज्य के जयपुर जिले में तिल के मंडी भाव की जानकारी मिलेगी। हमारे यहाँ पर आप राजस्थान की सभी बड़ी व छोटी मंडी में सभी प्रकार के फल, सब्ज़ी, एवं अनाज के भाव की जानकारी ले सकते हैं।
आज जयपुर जिले में तिल का मंडी भाव - सभी मंडियां
| कमोडिटी | ज़िला | मंडी | तिल भाव | अप्डेट |
|---|---|---|---|---|
| तिल | जयपुर | चाकसू (Chaksu) | 11100 से 11100 ₹क्विंटल | 3 Jun 2024 |
| तिल | जयपुर | (Sambhar (Kishangarh renwal)) | 1950 से 2000 ₹क्विंटल | 7 Nov 2022 |
| तिल | जयपुर | चंद्पोले (Chandpole (Jaipur)) | 7000 से 7500 ₹क्विंटल | 2 Jun 2018 |
| तिल | जयपुर | बगरू (Bagru) | 7000 से 8000 ₹क्विंटल | 6 Feb 2015 |
| तिल | जयपुर | जयपुर (अनाज) (Jaipur (Grain)) | 1100 से 1200 ₹क्विंटल | 31 Jul 2013 |
| तिल | जयपुर | (Bassi) | 5497 से 5500 ₹क्विंटल | 23 Jul 2010 |
| तिल | जयपुर | (Kotputli(Pawla)) | 4000 से 4000 ₹क्विंटल | 16 Mar 2010 |
| तिल | जयपुर | (Sambhar (Kishangarh renwal)) | 4500 से 5500 ₹क्विंटल | 14 Dec 2008 |
| तिल | जयपुर | कोटपुतली (Kotputli) | 7070 से 7070 ₹क्विंटल | 3 Apr 2008 |
Notes*
- सभी मंडी भाव 100 किलोग्राम के हिसाब से हैं
- भाव में परिवर्तन हो सकता है।
- ये भाव केवल आज के मंडी बाजार की स्थिति को इंगित करती हैं
तिल एक पुष्पीय पौधा है। तिल के बीज से खाद्य तेल निकाला जाता है। तिल को विश्व का सबसे पहला तिलहन माना जाता है। इसकी खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी। भारत मे तिल दो प्रकार का होता है -सफेद और काला। हिन्दू धर्म मे तिल का बहुत महत्व है। पूजा में तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है और पितरों के तर्पण में तिल का प्रयोग होता है। तिल की खेती साल में तीन बार की जा सकती है।तिल से कई प्रकार की मिठाई, गजक, लड्डू आदि बनाए जाते हैं। तिल में मिलने वाले तत्व विटामिन बी, कैल्शियम, लिनोलिक अम्ल और फास्फोरस पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। तिल कोलेस्ट्रोल घटाने में भी सहायक है। तिल के तेल को तेलों की रानी कहा जाता है। तिल के लिए शीतोष्ण जलवायु अच्छी रहती है। ज्यादा बरसात या सूखा पड़ने पर इसकी फसल सही नहीं होती है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसे बलुई दोमट और काली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।
भारत में तिल की खेती - भारत के विभिन्न राज्यों में तिल की खेती की जाती है जैसे महाराष्ट्र,राजस्थान,पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश,गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और तेलंगाना। तिल का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में किया जाता है।
तिल की उन्नत किस्मे – टी के जी 308, जवाहर तिल 306, जे टी यस 8, टी के जी 55, आर टी 46, आर टी 125 आदि तिल की कुछ उन्नत किस्मे है।
जयपुर जिले में तिल, आलू, गाजर, हरी मिर्च, पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन, लौकी, भिंडी, चुकंदर, मूली, तुरई, टमाटर, गँवार फली, खीरा, करेला, शकरकंद, अरबी, पालक, हरी मटर, टिंडा, मटर दाना, कच्चा आम, आंवला, काकड़ी, , प्याज, शिमला मिर्च, हरा धनिया, हरी मेथी, परवल, कद्दू, ग्वार, गेहूं, चावल , मक्का, साबुत चना दाल, साबुत मसूर दाल, साबुत मूंग दाल, मसूर दाल, सूखी मटर, गिली मटर, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, काबुली चना, तिल, साबुत उरद दाल(काली दाल) , सोयाबीन, गवार बीज, कुल्थी दाल, मूंगफली की फली (कच्ची), साबुत अरहर दाल , अवारे दाल, मूंग दाल (बिना धूलि), मूंगफली दाने, जौ , मेथी के बीज, मोठ दाल, लोबिया , तारामीरा, सेब, चीकू, अमरूद, नींबू, मोसम्बी, अनार, केला, संतरा, तरबूज, पपीता, अनानास, नाशपाती, बेर, अंगूर, खरबूजा, आम, कटहल, कच्चा नारियल, आलू बुखारा, किन्नू, अदरक (सूखी), लहसुन, गुड़, ढैंचा, सरसों, लाल मिर्च , चीनी, पुदीना, अजवाइन, सौंफ , गीली अदरक, नारियल, अरंडी का बीज (अन्डोली), जीरा, धनिये के बीज, , , , लीची, , , , , , आदि की बिक्री होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप जयपुर जिले में भाव की ताज़ा अपडेट ले सकते हैं।